छींपों का आकोला (चित्तौड़गढ़) गांव में जन-जन के प्रिय हैं। आपके श्वसुर जी के आत्मीय निवेदन पर उदयपुर जिले की वल्लभनगर तहसील के तारावट गांव के निवासी श्री फूलरामजी शर्मा ने योग-साधना का मार्ग दर्शाया । एक निराले पुष्प पूर्व जन्मों के योगी को , बचपन से ही शंकर नाम से पुकारा जाता था। पिता ने अपनी योग – दृष्टि से बचपन में ही उस बाल योगी को पहचानते हुए योग शिक्षा की प्रारम्भिक जानकारियां देना प्रांरभ कर दिया । आप दयावान, स्वाभिमानी, = तामस प्रकृति मिश्रित व्यक्तित्व के धनी हैं। उदयपुर जिले में स्थित भीण्डर के पास हवना ठिकाना में रहते हुए आपने 5वीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की ।
गीता ज्ञान आपके जीवन का प्रमुख आधार रहा। शतायु होने की हार्दिक शुभ कामनाओं के साथ एक नन्हा सा यागी कलमकार आपके चरण कमलों में प्रणाम निवेदन करता हैं |